भारतीय सिनेमा ने 18 अगस्त 2025 को खोया एक मालटी टैलेंट कलाकार |

अच्युत पोतदार भारतीय सिनेमा के एक प्रतिष्ठित अभिनेता थे जिन्होंने 91 वर्ष की आयु में 18 अगस्त 2025 को ठाणे के जुपिटर हॉस्पिटल में अपनी अंतिम  सांस ली। उनकी मृत्यु आयु संबंधी स्वास्थ्य की समस्याएं के कारण हुईं।

उनके प्रशंसकों साथियों और भारतीय सिनेमा ने उनके जाने  पर गहरा शौक व्यक्त किया और उनका अंतिम संस्कार 19 अगस्त 2025 को थाने में संपन्न हुआ।

अच्युत  पोतदार  का जीवन यह दर्शाता है कि किसी भी आयु में ने क्षेत्र में कदम रखा जा सकता है बशर्ते उसमे समपर्ण और जूनून हो उन्होंने अपने जीवन के विभिन चरणों में सफलता प्राप्त को और अंतत अभिनय में भी अपनी पहचान बनाई उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा

व्यक्तिगत जीवन

  • जन्म: 22 अगस्त 1934 जबलपुर मध्य प्रदेश
  • शिक्षा: उच्च शिक्षा में अर्थशास्त्र में स्वर्ण पदक प्राप्त किया ।
  • पारिवारिक पृष्ठभूमि: मराठी ब्राह्मण पारिवारिक से ताल्लुक रखते थे ।

deccanherald.com/india/a...

अच्युत पोतदार में  प्रारंभिक करियर ।

अच्युत पोतदार ने अपने करियर की शुरुआत एक प्रोफेशर के रूप में रीवा  मध्य प्रदेश में की ।इसके बाद उन्हें भारतीय सेना में कैप्टन के रूप में सेवा की और 1967 में सेवानिवृत्त हुए।इसके बाद उन्होंने इंडियन ऑयल में लगभग 25 वर्ष तक कार्य किया और 1992 में 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत हुए।

अभिनय करियर

अच्युत पोतदार ने अभिनय की शुरुआत 44 वर्ष के आयु में की थी  और उन्होंने 1980 में  फिल्म आक्रोश से बॉलीवुड में कदम रखा । उन्होंने 125 से अधिक भारतीय सिनेमा  में हिंदी फिल्म और मराठी फिल्म में अभिनय किया जिनमें अर्ध सत्य तेजाब परिंदा परिणीती लग रहो मुन्ना भाई दबंग 2 और 3 इडियट्स जैसी प्रमुख फिल्में शामिल है और उनका एक डायलॉग ” अरे कहना क्या चाहते हो “जो हमेशा लोगों के बीच लोकप्रिय रहेगा ।

पुरस्कार और सम्मान।

  • Lifetime achievement award: 16 अगस्त 2015 को इंदौर के सांस्कृतिक समूह सनंद द्वारा उनके फिल्म करियर के लिए ।
  • Zee Marathi jeevan puraskar: 2021 में माझा होशिल ना धारावाहिक में अक्का की भूमिका के लिए ।

पुस्तक।

“ACHAYUT POTDAR : A life of simplicity, resilience & contentment में उनका के विभिन्न पहलुओ संघर्ष और उपलब्धियों का विवरण है। यह पुस्तक उनकी बेटी अनुराधा परासरक द्वारा लिखी गई है ।

अच्युत पोतदार का जीवन एक प्रेरणादायक कहनी है जो संघर्स पम्पर्ण औअर सादगी से भरी हुई हैं उनकी बेटी अनुराधा परासरक ने उनकी जीवन यात्रा को पुस्तक “ACHAYUT POTDAR : A life of simplicity, resilience & contentment” में समेटा है यह पुस्तक ण केवल उनके करियर कि झलक देती है , बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन परिवार और मूल्यों कि भी गहरी समझ प्रदान करती है|

पुस्तक का सारांश

यह पुस्तक एक बेटी कि नजर से उनके पिता कि जीवन का यात्रा का चित्रण करती है अनुराधा ने अपने पिता के साथ बिताये गए समय उनके संघर्षो उपलब्धियो और जीवन के मूल्यों को साझा किया है पुटक में उनका परिवार के साथ बिताये गए पल पारिवारिक संबंद और उनके दोवारा सिखाये गए जीवन के मूल्य जैसे अनुसासन ईमानदारी और सादगी को प्रमुखता से दर्शाया गया है |

अगर आप अच्युत पोतदार के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनका संघर्स औरे उप्लाब्दियों के बारे में और जानना चाहते है तो यह पुस्तक एक उत्तम स्रोत है यह ण केवल उंके करियर को दर्शाता है बल्कि ,उनके जीवन के मूल्यों और परिवार के ओरती उनके समर्पण को भी उजागर करता है |

उनका योगदान भारतीय सिनेमा और मराठी टेलीविज़न में हमेशा यद् रखा जाएगा | उनकी अभिनय में सादगी ईमानदारी और समर्पण  ने उन्हें दर्शको के दिलो में एक विसेस अस्थान दिलाया| उनकी यादे हमेशा हमारे साथ रहेंगी |

 

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